भोपाल: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कर्मचारियों ने लिए सौगात का पिटारा खोल दिया है. प्रदेश के कर्मचारियों को अगले माह से बढ़ी हुई सैलरी मिलने जा रही है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के कर्मचारियों को केन्द्र के कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता दिए जाने का ऐलान किया है. प्रदेश के कर्मचारियों को भी केन्द्रीय कर्मचारियों के समान 55 फीसदी महंगाई भत्ते का लाभ दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारियों को 1 जुलाई 2024 से 3 फीसदी और 1 जनवरी 2025 से 2 फीसदी महंगाई भत्ते का लाभ मिलेगा. इसके साथ ही कर्मचारियों को एरियर की राशि का भुगतान भी 5 समान किश्तों में दिया जाएगा.

मुख्यमंत्री मंच से बोले आदेश अभी से लागू
मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ के प्रांतीय सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे थे. भोपाल के नर्मदीय भवन में हुए कार्यक्रम में राजपत्रित अधिकारी संघ ने अपनी कई मांगों को सरकार के सामने रखा. इसके बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि "समाचार पत्रों से मुझे जानकारी मिली कि केन्द्र के कर्मचारियों को तो 55 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा है, लेकिन राज्य के कर्मचारी इससे बच गए हैं. इसलिए मैं यही से ऐलान करता हूं और इसे तत्काल लागू करता हूं कि मध्य प्रदेश शासन के सभी कर्मचारियों को 1 जुलाई 2024 से तीन फीसदी और 1 जनवरी 2025 से 2 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जाएगा.इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने महंगाई भत्ते की अतिरिक्त किश्त भी स्वीकृत करने का ऐलान किया. इसका मतलब है कि प्रदेश के अंदर भी राज्य के सभी कर्मचारियों को केन्द्र के कर्मचारियों के समान 55 फीसदी का महंगाई भत्ता दिया जाएगा."

5 किश्तों में मिलेगी एरियर की राशि
सीएम मोहन यादव ने कहा कि "प्रदेश के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का लाभ दिए जाने के बाद उनको एरियर की राशि का भुगतान भी किया जाएगा. एरियर की राशि 5 समान किश्तों में दी जाएगी. इसकी शुरूआत जून 2025 से शुरू होगी और आखिरी किश्त अक्टूबर 2025 में दी जाएगी. यानी दीपावली भी कर्मचारियों की आनंद से मनेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारी हृदय की तरह हैं. हम सभी मिलकर काम कर रहे हैं. जिस तरह शरीर में सभी अंग काम करते हैं, लेकिन इसमें हार्ट सबसे महत्वपूर्ण होता है. इसी तरह हृदय के रूप में हमारा अधिकारी कर्मचारी है. जिस तरह शरीर की नाड़ियों में रक्त पहुंचाने का काम हृदय का होता है, यही भूमिका कर्मचारी अधिकारियों की है.

पद खाली होते ही भरे जाएंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 2016 से पदोन्नति लटकी हुई है. सरकार इस दिशा में भी काम कर रही है, बहुत जल्दी इस दिशा में सरकार कदम उठाने जा रही है. उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग में भर्ती होने के बाद कई सालों तक भर्ती नहीं होती. हमने प्रबंधन किया है कि पीएससी के पद खाली होने के साथ ही भर्ती अभियान चलाया जाए, कोई पद खाली नहीं रहना चाहिए. इसका सभी विभागों को लाभ मिलेगा. जब पद स्वीकृत हैं, तो पद भरने के लिए अलग से स्वीकृती लेने की जरूरत नहीं है. एक बार पद स्वीकृत हैं, तो रिटायरमेंट के साथ ही यह प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए.