महाकुंभ में त्रिजटा स्नान, कल्पवासियों ने लिया दोबारा आने का संकल्प"

महाकुंभ नगर। स्नान-दान का पर्व त्रिजटा फाल्गुन कृष्णपक्ष की द्वितीया तिथि शुक्रवार यानी कि आज मनाई जा रही है। महाकुंभ मेला क्षेत्र में प्रवास करने वाले संत व कल्पवासी त्रिजटा स्नान करके विदा होंगे।संत मठ-मंदिर चले जाएंगे तो वहीं कल्पवासी अपनी गृहस्थी में लौट जाएंगे। संगम समेत गंगा के समस्त घाटों पर भोर से स्नान का क्रम आरंभ हो गया है। स्नान के बाद वापसी का क्रम चल रहा है। जो संत और कल्पवासी बचेंगे वह महाशिवरात्रि पर्व पर स्नान करने के बाद ही जाएंगे।
त्रिजटा का स्नान कर विदा होते हैं कल्पवासी
उसके पहले कोई मेला क्षेत्र नहीं छोड़ेगा। प्रयाग धर्म संघ के अध्यक्ष राजेंद्र पालीवाल ने बताया कि कल्पवासी शैय्या दान, अन्न दान, वस्त्र दान और धन दान करते हैं। अगर कल्पवासी किसी कारणवश माघी पूर्णिमा को अनुष्ठान पूरा नहीं कर पाते हैं तो वह बाद में उसे दान करके दो दिन बाद त्रिजटा का स्नान करके विदा होते हैं।वहीं, हजारों कल्पवासियों के मेला क्षेत्र छोड़ने का क्रम गुरुवार को जारी रहा। माघी पूर्णिमा पर स्नानार्थियों की भीड़ अत्यधिक रही। इसके चलते वाहनों का प्रवेश भी मेला क्षेत्र में वर्जित कर दिया गया था। भीड़ कम होने के बाद वाहनों को प्रवेश दिया गया। जिनके वाहन आते गए वह संत और कल्पवासी मेला क्षेत्र से विदा होते गए।
अध्यात्म और संस्कृति का सबसे बड़ा आयोजन है महाकुंभ
आपको बता दें कि महाकुंभ अध्यात्म और संस्कृति का सबसे बड़ा आयोजन है। इसका हर सेक्टर ज्ञान, भक्ति और साधना के विविध रंगों से रंगा रहा। अखाड़ों के वैभव, संतों की तपस्या के साथ कल्पवासियों का त्याग भी अद्वितीय रहा।
10 लाख गृहस्थों ने किया था कल्पवास
वहीं पौष पूर्णिमा पर लगभग 10 लाख गृहस्थों ने कल्पवास आरंभ किया, जो माघी पूर्णिमा पर पूरा हो गया। इसके बाद अराध्य और पूर्वजों को नमन करके पुन: आने का संकल्प लेकर कल्पवासियों के मेला क्षेत्र छोड़ने का क्रम चल रहा है।
संगम तट पर दिखा श्रद्धा-सेवा का अनूठा मेल
महाकुंभ नगर डबल इंजन की सरकार प्रदेश के विकास के साथ समाज के हर वर्ग का ध्यान रख रही है। विशेष रूप से समाज के उन वर्गों के लिए जो अक्सर उपेक्षित रह जाते हैं। इसी दिशा में योगी सरकार एक अनूठी पहल करते हुए महाकुंभ में 2000 निराश्रित वृद्धजनों को संगम स्नान कराने की व्यवस्था की है।इसमें अब तक 600 से अधिक बुजुर्गों को संगम स्नान कराया जा चुका है। यह पहल न केवल बुजुर्गों के सम्मान और सुविधा को बढ़ावा देती है, बल्कि समाज में सेवा और समरसता की मिसाल भी पेश करती है। समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण के निर्देश पर बीते दो दिन में देवरिया, बहराइच, अमरोहा और बिजनौर जनपद के वृद्धाश्रमों में रहने वाले 100 से अधिक वरिष्ठजनों को विभागीय अधिकारियों द्वारा बसों से प्रयागराज लाया गया।
100 बेड की क्षमता वाला आश्रम तैयार
कुंभ क्षेत्र में पहली बार समाज कल्याण विभाग द्वारा एक विशेष कैंप स्थापित किया गया, जहां 100 बेड की क्षमता वाला आश्रम तैयार किया गया है। यहां बुजुर्गों के लिए निश्शुल्क भोजन, आवास और चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था की गई है।